इस जीवन के बाद और क्या होगा?
अपने जीवन में सुखी रहने के लिए लोग संसार का प्रबंध करते हैं, यह भी डर रखो कि इस जीवन के बाद और क्या होगा?
केवल शरीर को जला देने से ही काम समाप्त नहीं हो जाता, शरीर छूटने पर वह अपने कर्म के अनुकूल लोक में जाते हैं- पितृलोक, ब्रह्मलोक या नरक; जैसा कर्म किया है उसके अनुकूल।
फिर उसको भोगकर इस संसार में आता है। गाड़ी के पहिया के समान उलट-पुलट होता रहता है।
प्रत्येक बार के जन्म में दुःख-सुख होता रहता है। ब्रह्मा के धाम में जाओ तो भी कर्मफल नहीं छूटता। इस प्रकार आवागमन का कष्ट लगा रहता है।
संसार में एक जीवन के लिए प्रबंध करते हैं, किंतु इस एक जीवन के बाद फिर क्या होगा, इसके लिए भी करो। महर्षि मेँहीँ परमहंस
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